उसे देर रात सिगरेट की तलब ने बैचेन कर दिया था। घड़ी रात के दो बजा रही थी। उसे पता था कि ऑफिस के पास के मॉल के पास में जो गुमटी हैं, वहां सिगरेट मिल सकती है। बस दुकानदार को जगाना पड़ेगा जो कि काफी बुगरुज हैं। लेकिन उसके पास कोई विकल्प नहीं था। जैकेट और मोबाइल लेकर जैसे ही बाहर निकला तो खाली सड़कें डरावनी लग रही थीं लेकिन उसे पता है कि कभी इन्हीं सड़कों पर वह भी धूमा करती थी।
अरे यह क्या? उसने तय किया था कि वह कभी भी उसे याद नहीं करेगा। लेकिन अचानक उसे एक बिसरी हुई याद आती है। देखते देखते ये यादंे वीरान सड़कों पर उतर आती हैं। वह उसे देख सकता था। उसके होंठों के तिल को भी। जबकि चारों ओर स्याह अंधेरा था। लेकिन फिर भी वह उसे देख सकता था। वह उसे पुकारना चाहता है लेकिन आवाज नहीं निकलती है।
अचानक हवा के झोंके के साथ वह वापस लौट आता है। सामने ही गुमटी थी जहां से उसे सिगरेट लेना था। शुक्र है उसे सिगरेट मिल भी गई। सिगरेट लेने के बाद वह उसे मुंह में लगाकर जलाता है। और फिर वह तीन साल पहले उसी शहर में लौट आता है जहां से उसने पढ़ाई की थी। वह उसे आज भी बहुत याद करता है। याद ही नहीं बल्कि चाहता भी बहुत है।
अचानक उसके मोबाइल पर एक मैसेज आता है। अगले महीने कॉलेज का दीक्षांत समारोह का मैसेज था। खुशी की बात है लेकिन फिर भी एक बात जो उसे अभी से परेशान कर रही थी वह यह है कि उनसे वह सामना कैसे करेगा। वह एक बात जो आज तक उसे नहीं कह पाया, क्या अब कह देगा। वह उससे माफी मांग कर सफाई देना चाहता है। वह कहना चाहता है कि ये बातें झूठी बातें हैं। जो उसने नहीं फैलाईं। उसे न जाने क्यूं लगता है कि वे नहीं मानेंगी।
अरे यह क्या? उसने तय किया था कि वह कभी भी उसे याद नहीं करेगा। लेकिन अचानक उसे एक बिसरी हुई याद आती है। देखते देखते ये यादंे वीरान सड़कों पर उतर आती हैं। वह उसे देख सकता था। उसके होंठों के तिल को भी। जबकि चारों ओर स्याह अंधेरा था। लेकिन फिर भी वह उसे देख सकता था। वह उसे पुकारना चाहता है लेकिन आवाज नहीं निकलती है।
अचानक हवा के झोंके के साथ वह वापस लौट आता है। सामने ही गुमटी थी जहां से उसे सिगरेट लेना था। शुक्र है उसे सिगरेट मिल भी गई। सिगरेट लेने के बाद वह उसे मुंह में लगाकर जलाता है। और फिर वह तीन साल पहले उसी शहर में लौट आता है जहां से उसने पढ़ाई की थी। वह उसे आज भी बहुत याद करता है। याद ही नहीं बल्कि चाहता भी बहुत है।
अचानक उसके मोबाइल पर एक मैसेज आता है। अगले महीने कॉलेज का दीक्षांत समारोह का मैसेज था। खुशी की बात है लेकिन फिर भी एक बात जो उसे अभी से परेशान कर रही थी वह यह है कि उनसे वह सामना कैसे करेगा। वह एक बात जो आज तक उसे नहीं कह पाया, क्या अब कह देगा। वह उससे माफी मांग कर सफाई देना चाहता है। वह कहना चाहता है कि ये बातें झूठी बातें हैं। जो उसने नहीं फैलाईं। उसे न जाने क्यूं लगता है कि वे नहीं मानेंगी।
Comments
-अच्छा प्रवाहपूर्ण मनोभाव अभिव्यक्त किया है.
best of luck.........!
Batana fir kya hua?
Use bataya k nahin?