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Showing posts from January, 2017

UP POLL 2017 : 'दादा' आप जैसों की अब भाजपा में कोई जरूरत नहीं...

राजनीति में बहुत कम ऐसे नेता हैं, जिनका सम्मान करने का मन करता है। खासतौर से भाजपा की बात की जाए तो सम्मानित नेताओं की संख्या ना के बराबर ही होती है। पर भाजपा जैसी सांप्रदायिक पार्टी में भी श्यामदेव राय चौधरी 'दादा' जैसे नेता हैं, जो अपने काम के बल पर बनारस की जनता के दिलों पर राज करते हैं। लेकिन श्यामदेव राय चौधरी 'दादा' का टिकट काटकर भाजपा ने साबित कर दिया है कि अब पार्टी में अच्छे नेताओं की कोई आवश्यकता नहीं है। इसी के साथ भाजपा ने बनारस में अपनी हार भी तय कर ली है।  वाराणसी के सबसे सक्रिय और अपराजेय भाजपा नेता श्यामदेव राय चौधरी 'दादा' पिछले सात बार से लगातार वाराणसी दक्षिण से चुनकर विधानसभा पहुंचते रहे हैं। लेकिन संघ और संगठन ने उनके समर्पण और ईमानदारी की अनदेखी करते हुए नीलकंठ तिवारी को टिकट दे दिया, जिन्हें क्षेत्र की जनता जानती तक नहीं है। श्यामदेव राय चौधरी 'दादा' बातचीत में कहते हैं कि यदि पार्टी टिकट काटने से पहले मुझे बता देती तो मैं किसी बीमारी का बहाना बनाकर खुद पीछे हट जाता। पार्टी को कम से कम मेरी कमियां तो बता ही देनी चाहिए थी। 

UP POLL 2017 : काम बोलता है...

यूपी से लौटकर आशीष महर्षि यदि आप यूपी से बाहर बैठकर यहां के चुनाव को लेकर कोई अंदाजा लगा रहे हैं, तो हो सकता है कि आपका अंदाजा गलत हो। यूपी पहुंचने से पहले तक अगर मैं अपनी बात करूं तो मुझे ऐसा लग रहा था कि यूपी में इस दफा भाजपा सरकार आ सकती है। लेकिन लखनऊ पहुंचते-पहुंचते मेरी सोच करवट लेने लगी। जमीनी हकीकत मेरी सोच से एकदम उलट रही। लखनऊ, गोरखपुर, बनारस, इलाहाबाद जैसे प्रमुख शहरों में घूमने के बाद यह बात दावे के साथ कह सकता हूं कि यूपी में या तो पूर्ण बहुमत वाली सरकार यानी सपा आएगी या फिर मामला फंस सकता है। कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से सपा को जितना फायदा हुआ है, उससे ज्यादा फायदा कांग्रेस को हुआ है। यूपी के मैदानों से पूरी तरह साफ यदि कांग्रेस पिछली बार की तरह 25 सीट भी ले आए तो उसकी इज्जत बच जाएगी। हालांकि, उम्मीद है कि सपा के साथ हाथ मिलाने से उसकी सीट 25 से बढ़कर 35 हो सकती है। कांग्रेस और सपा के कार्यकर्ताओं का अब एक ही लक्ष्य है कि किसी भी कीमत पर अखिलेश यादव को फिर से सत्ता की कमान सौंपी जाए। पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो पता चलता है कि सपा और कांग्रे