मुंबई से भोपाल और अब इंदौर में अपना डेरा जम गया है। अब देखने वाली बात यह है की मालवा की जमीं से मुझे कितना प्यार मिलता है। आज पहला दिन शानदार रहा। मैंने पहले ही दिन इस शहर को अपना मान लिया है और शायद यहाँ के रहवाशी भी मुझे अपना मानकर बेपनाह मोहब्बत दें। इंदौर के सभी ब्लोगेर्स से मेरा विन्रम अनुरोध है कि मुझे भी अपनी जमात में शामिल कर लें। आज सुबह जैसे ही यहाँ की सरजमीं पर कदम रखा तो पानी की बूंदों ने कहा कि बिना नहाये यहाँ किसी को प्रवेश नही है सो मुझे भीगना ही था। और यही कारण रहा की मैं पूरी तरह अभी भी फ्रेश महसूस कर रहा हूँ। जबकि वक्त बहुत अधिक हो गया है।