आप यकीन मानिये या मत मानिये लेकिन यह सोलह आने सच बात है. बात क्या जनाब किस्सा ही है. आप परी को नहीं जानते हैं. चलिए मैं बता देता हूँ. यह न तो आसमान से आई कोई परी है और ना ही किस्से कहानी वाली परी. यह परी है उत्तर प्रदेश के एक कस्बे की. नाम कुछ भी हो सकता है. जैसे सपना, मीना या फिर टीना लेकिन मेरे लिए बस वो परी है. इस परी से हमारी पहली मुलाकात झीलों की नगरी में ही हुई थी. इसे आप पहली नज़र का प्यार कहें या और कुछ. कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन उसमे कुछ ऐसा था या कहूँ है, जो मुझे आज भी उसकी ओर खींचता है. उसकी आंखों में जब भी मैंने आंसू देखा तो मेरी आँखें गीली हो गई. कई महीनो के साथ में उसने मुझे जीना सिखा दिया था. मैं आज जो भी हूँ, उसी के कारण हूँ. लेकिन उसे प्यार हो गया. ओर परी को यदि किसी से प्यार हो जाए तो वो बन्दा कितना नसीब वाला होगा. यह वही समझ सकता है जिसने परी से प्यार किया हो. परी आज खुश है. इसलिए मैं भी खुश हूँ.