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वह आसमां के पार जाना चाहती है किसी भी कीमत पर

वह बहुत तेजी से आसमां की बुलंदियों को छूना चाहती थी। किसी भी कीमत पर। वह उसमें कामयाब भी रही। लेकिन कीमत बड़ी ज्यादा थी। वह देश के सबसे तेज चैनल में सबसे अधिक प्रतिष्ठित एंकर है। लुटियन की दिल्ली से लेकर मुंबई तक उसका डंका बजता है। वह जब टीवी पर आती है तो देखने वाले देखते रह जाते हैं। उसकी आवाज में दम था। लेकिन आत्मा खोखली हो चुकी थी। वजह सिर्फ वह ही जानती थी लेकिन आज हम सब जान गए हैं। हर बारिश में वह रोती है। लेकिन बारिश है कि रुकने का नाम ही नहीं लेती है।

कुछ सालों बाद

कुछ दिनों पहले ही सुना कि उसने चैनल बदल लिया है। आजकल वह एक बिजनेस मैन के संग है। कीमत यहां भी चुकानी पड़ी। लेकिन पहले से कम। पहली बार कीमत बहुत ज्यादा थी सो अब कीमत का कोई मतलब नहीं है।

लेकिन अब नहीं..

उसने जो चाहा, उसे मिला। कीमत पर। कीमत..हां कीमत। हमारे लिए वह कुछ भी हो सकता है लेकिन उसके लिए कीमत से अधिक कुछ नहीं है। वह अब दुबई में है। दुबई की गर्मी उसे खूब अच्छी लगती है। लेकिन बरसात उसे आज भी डराती है। बरसात से डरने की वजह उसने खुद पैदा की है। उसे अपने हिस् सा का आसमा मिल चुका है लेकिन वह अब आसमा के पार जाना चाहती है। किसी भी कीमत पर...

Comments

Udan Tashtari said…
हम्म! भावपूर्ण!
ऊंचाई पर जाने की कीमत इतनी ही बड़ी क्यों होती है
pritima vats said…
बहुत सटीक और सच कहा आपने।

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