उन दोनों के तलाक की खबर सुनने में उसे एक अजीब सा सकून मिल रहा था। यह स्वाभाविक भी था शायद। लेकिन कहीं न कहीं कुछ गलत भी था। कल ही उसे पता चला कि उन दोनों का तलाक हो गया है। वह उसकी पूर्व प्रेमिका थी, जो बिछड़ गई थी और उसे उम्मीद है कि तलाक के बाद अब वे फिर से एक दूसरे की बांह में झूल सकते हैं। हां यही तो उसे दिमाग में घूम रहा था। अचानक उसके मोबाइल की रिंग टोन ने उसे जगाया। वह सही था। पूरे आठ साल बाद मोबाइल की स्कीन पर परूनिषा की फोटो नंबर के साथ चमक रही थी। उसे विष्वास नहीं हुआ। लेकिन काॅल उसी का था। कांपते हाथों से उसने मोबाइल की स्वीच दबा और कहा हां बोलो। उधर से उसने जो कहा, वह उसके वजूद को हिलाने के लिए काफी था। परूनिषा ने कहा, बस अब सहन नहीं होता। मैं आप सभी को छोड़कर जा रही हूं। बस और उधर से फोन काट दिया गया। वह आज भी उस शहर में परूनिषा को खोज रहा है जहां वह उसे छोड़कर गया था।
गुजरात में अगले महीने चुनाव है और इसी के साथ भगवा नेकर पहनकर कई सारे लोग बेनामी नाम से ब्लॉग की दुनिया में हंगामा बरपा रहे हैं. एक ऐसे ही बेनामी से मेरा भी पाला पड़ गया. मैं पूरा प्रयास करता हूँ कि जहाँ तक हो इन डरपोक और कायर लोगों से बचा जाए. सुनील ने मोदी और करण थापर को लेकर एक पोस्ट डाल दी और मैं उस पर अपनी राय, बस फिर क्या था. कूद पड़े एक साहेब भगवा नेकर पहन कर बेनामी नाम से. भाई साहब में इतना सा साहस नहीं कि अपने नाम से कुछ लिख सकें. और मुझे ही एक टुच्चे टाईप पत्रकार कह दिया. मन में था कि जवाब नहीं देना है लेकिन साथियों ने कहा कि ऐसे लोगों का जवाब देना जरूरी है. वरना ये लोग फिर बेनामी नाम से उल्टा सुलटा कहेंगे. सबसे पहले बेनामी वाले भाई साहब कि राय.... अपने चैनल के नंगेपन की बात नहीं करेंगे? गाँव के एक लड़के के अन्दर अमेरिकन वैज्ञानिक की आत्मा की कहानी....भूल गए?....चार साल की एक बच्ची के अन्दर कल्पना चावला की आत्मा...भूल गए?...उमा खुराना...भूल गए?....भूत-प्रेत की कहानियाँ...भूल गए?... सीएनएन आपका चैनल है!....आशीष का नाम नहीं सुना भाई हमने कभी...टीवी १८ के बोर्ड में हैं आप?...कौन सा...
Comments
कहाँ गई होगी?