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राजस्थान का शेखावाटी जनपद संतों, शूरमाओं और भामाशाहों की धरती के रूप में अपनी राष्ट्रीय पहचान रखता है। यह क्षेत्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक वैभव से भी अनुप्रणित है। शेखावाटी में अरावली का एक उच्चतम शिखर है, मालकेतु जहां से कहते है कि प्राचीनकाल में लोहार्गल, किरोडी, शाकम्भरी, शोभावती एवं संध्या नामक पांच धाराएं प्रकट हुई और कालान्तर में ये पांचों पवित्न स्थल के रूप में प्रतिस्थापित हो गए।
सीकर से वाया उदयपुरवाटी होकर लगभग 55 किलोमीटर तथा वाया गोरिया होकर करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर शाकम्भरी शक्ति पीठ स्थित है। यह स्थान पहाड़ों, नाना प्रकार के फल-फूलों से लदे वृक्ष कुंजों, जल प्रपात एवं जल कुण्डों आदि के नयन प्रिय नैसर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है और उत्तराखण्ड के रमणीक स्थल जैसी अनुभूति कराता है।
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