कुछ वक्त पहले मैं ऐसा नहीं था
आज भी मैं वैसा नहीं हूं
मै कैसा हूं, क्यूं हूं, मुझे खुद भी नहीं पता
मै कौन हूं और क्यों हूं
तुम्हे तो पता था लेकिन तुमने बताया क्यों नहीं ?
अच्छा हुआ नहीं बताया
यदि तुम बताती तो शायद मुझे तकलीफ होती
लेकिन क्यों नहीं बताया?
यदि बता देती तो शायद मै ऐसा नहीं होता
जैसा मैं हूं, फिर भी मैं हूं
आज भी मैं वैसा नहीं हूं
मै कैसा हूं, क्यूं हूं, मुझे खुद भी नहीं पता
मै कौन हूं और क्यों हूं
तुम्हे तो पता था लेकिन तुमने बताया क्यों नहीं ?
अच्छा हुआ नहीं बताया
यदि तुम बताती तो शायद मुझे तकलीफ होती
लेकिन क्यों नहीं बताया?
यदि बता देती तो शायद मै ऐसा नहीं होता
जैसा मैं हूं, फिर भी मैं हूं
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भावपूर्ण रचना!