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थोड़ी सी बात मिर्च मसाला

आप यकीन मानिए, यह मेरी कहानी नहीं है। यह कहानी हर उस शख्स थी जो कभी भी कहीं न कहीं किसी न किसी से प्यार करता था, करता है और करता रहेगा। यह बस एकतरफा प्रेम कहानी है। चलिए अब अधिक नहीं पकाते हुए शुरु करता हूं। बात उस वक्त की है जब बारिश की पहली बूंदें जमीन पर पड़ती हैं। इसके बाद पूरा माहौल मिट्टी की सौंधी खूश्बू से महक उठता है। दोनों एक साथ कालेज से निकले थे। काम की तलाश में वो बंबई चला गया और वो इसी शहर में रह गई। वक्त बदला और साथ में कई बातें बदल गई। जो कल तक एक दूसरे के लिए जान देते थे, आज जान लेने पर तुले हैं। वजह साफ है। वो अब उसे नहीं चाहती है। उसकी जिंदगी में और कोई आ गया है। जी हां और कोई आ गया है। आपको सुनाई दिया या नहीं। खैर बात आगें बढ़ाता हूं। बंबई छोडक़र वो वापस अपने पुराने शहर में आ गया। उम्मीद थी कि वो उसे स्वीकार कर लेगी। लेकिन नहीं वो गलत था। वो भी सही थी। दोनों की मुलाकात ऐसे वक्त हुई जहां होनी नहीं चाहिए थी। आगे की बात आज नहीं कल।

Comments

Admin said…
छोटी लेकिन दमदार कहानी
दमदार कहानी..
Udan Tashtari said…
Samajh to rahe hain magar phir bhi kal kaa intezaar hai.
कहानी नहीं उस की शुरूआत है।
शुरूआत ही इतनी दमदार हे तो ..

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