
अमित उसे भूलना चाहता है लेकिन शहर की फिजाओं में फैला उसका अहसास उसे भूलने नहीं देता है। या कहें कि वो उसे भूलना ही नहीं चाहता था। उसे याद है कि वो कब पहली बार उससे कहां और किस हालात में मिला था और देखते देखते उसे अपना दिल दे दिया। उनकी मोहब्बत का गवाह मुंबई शहर बना। यह वही मुंबई है जहां लोग प्यार करने के बहाने ढूंढ़ते हैं। लोकल ट्रेन से लेकर नरीमन प्वाइंट तक अन्य प्रेमियों की तरह उन दोनों की भी प्रिय जगह थी। जहां वो सकून से कुछ पल साथ गुजार सकते थे। लेकिन जूहू चौपाटी की याद आज भी उसे सबसे अधिक सताती है। जूहू की रेत पर दोनों कई बार अकेले बैठकर एक साथ कई ख्वाब बुनते थे। शहर की जिस गली से वो गुजरता है, उसे अचानक उसकी याद आ जाती है। चाहे वह अंधेरी की गलियां हो या फिर दादर का स्टेशन। हर जगह वो दोनों कई बार एक साथ गए थे। लेकिन अंतिम बार वो एक साथ बोरीवली स्टेशन पर मिले थे। वो शहर को छोड़कर जा रही थी। लेकिन सिर्फ शहर को नहीं बल्कि यहां से सभी पुराने रिश्तों को भी तोड़कर जाने की ठान ली थी उसने। यहां तक कि उससे भी, जिससे कभी वो अपना सबसे अच्छा दोस्त मानती थी। लेकिन उसने तो सभी रिश्तों को तोड़ने का मन बना लिया था। स्टेशन पर उसने ऐसा कोई भाव नहीं दिया, जिससे लगे कि आज की मुलाकात उन दोनों की जिंदगी की अंतिम मुलाकात होने वाली है। उसकी ट्रेन आ चुकी थी। दोनों की आंखों में आंसू थें लेकिन दिल की धड़कन सबसे अधिक उसके दिल में धड़क रही थी जिसे हमेशा के लिए छोड़कर वो जा रही थी। लेकिन उसे जाना तो था ही। वो चली गई। वो काफी देर तक स्टेशन पर ही रहा। उसे उम्मीद थी कि चलती गाड़ी से वो जरुर एक बार मुड़कर देखेगी। लेकिन उसने नहीं देखा।
होली के रंग में पूरा शहर डूबा हुआ है। वो हर रोज उस स्टेशन पर उसका इंतजार करता है जहां वो उसे छोड़कर गई थी।
Comments
यह प्रेम कहानी
बस रोज लिखा करो तो मजा आ जाए
This is not my love story. Just imagination of my mind and heart
और आप राजीव से कुछ भी कहें परइस कहानी में आप मौजूद से दिखते ही हैं या तो यह आपके डूबके लिखने के कारण है या फ़िर आपके लेखन की कमजोरी की लिखे हुए पर आप खुद मौजूद दिखते हैं!! जो चाहे मानें।