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क्‍यूं भईए पैंटी देख रहे हो ना !

चलिए आज मिलवाते हैं उन क्रिकेटरों से, जिन पर पूरे भारत वर्ष को गर्व है। आज गरीबी, भूखमरी जैसे मुद्वों के लिए न तो मीडिया में जगह है और न ब्‍लॉग पर। हर जगह तो बस क्रिकेट का ही जलवा है। लोग भूख से मरते हैं तो मरने दिजीए। देश की 33 फीसदी से अधिक आबादी गरीबी रेखा के नीचे है, रहने दिजीए। हम सब बस बैठकर किक्रेट देखते हैं और हमारे क्रिकेटर कुछ और।

Comments

Ajay said…
sahi hai chhote...
Anonymous said…
Ji ha, aj kal yehi chal raha hai, garibon ki koi parwa nahi karta hai. Sab dikhawe ki duniya hai
PD said…
man gaye.. aapki parkhi najar aur cricket super dono ko.. :)
आशीष जी, बिल्कुल सही कह रहे हैं आप।
Ek ziddi dhun said…
ye tasweer hi kafi kuchh kahtee hai...
bahut khub guru
Udan Tashtari said…
are, yahi tasvir to aaj rajeev bhai ke blog par hai..hummmm!!!
Ashish said…
sahi hai...badan par multinational polish lagane se pharak nahi padta, niyat jhlak hi jaati hai

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