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अब जी कर क्या किया जाए

वो चाहती थी कि मैं उसके साथ एक दोस्त जैसा ही बर्ताव करूं। लेकिन यह मेरे लिए संभव नहीं था। मैं उसे चाहता हूं। खैर हर किसी के चाहने से यदि खुदा मिलने लगता तो खुदा की औकात की क्या रह जाती। फिर भी लोग खुदा को जमीन पर लाने की जिद्द करते हैं। और मैं उस पागल लडक़ी के दिल में अपने लिए थोड़ी सी जगह बनाने का प्रयास कर रहा हूं पिछले कई बरस से। लेकिन कम्बख्त उसके दिल में मेरे लिए जगह ही नहीं है। उस बेगाने शहर को छोडक़र यहां आया। लेकिन दिल-ए-नादान को चैन यहां भी नहीं। जिस गली से गुजरता हूं, उसके होने का अहसास महसूस होता है। सोच रहा हूं अब यह शहर भी छोड़ दूं। आपकी क्या राय है। अब दुनिया से भी रुखसत होने का वक्त आ गया है।
नोट-कहानी

Comments

अजी काहे।
प्यार के चक्कर में न पड़ो तो अच्छा ही हरेगा। वो चाहती है कि आप उसके दोस्त बने तो दोस्त बनना ही अच्छा है। दोस्ती से अधिक चाहते हो तो शादी का प्रस्ताव रख दो। शादी और दोस्ती के बीच की स्थिति बहुत खराब होती है। और वो तुमसे जुड़ना नहीं चाहती है तो भूल जाना ही बेहतर होगा। यदि दुनिया से जाने की इच्छा है तो यह भूल मत करना। तुम तो चले जाओगे। तुम्हारे माता-पिता को भारी कष्ट होगा। वे सोचेगे कि आखिर तुम्हारे लालन-पालन में क्या कमी कर दी कि एक लड़की के लिये माता-पिता को छोड़ दुनियां से ही चल बसे।
Udan Tashtari said…
अरे, ऐसा न कहे. इतनी हताशा ठीक नहीं..दुनिया बहुत सुन्दर है दोस्त...एक दायरे से बाहर निकल नजर तो दौडाओ.
आशीष छोडो जिन्दगी मे ओर भी बहुत से काम हे
महेन said…
यह सवाल औरों से नहीं अपने आप से पूछें और यदि पूछने से डर लगता है तो चुप्पी मारकर बैठ जाएँ, उत्तर समय दे देगा। समय हर सवाल का जवाद दे देता है चाहे वह पूछा जाए या नहीं।
शुभम।
गरिमा said…
शायद आपका नोट किसी ने नही पढा "कहानी" :)।
कहानी अच्छी है, पर एक स्टूपिड से रिलेशन के लिये इतनी हताशा!!! दुनिया और भी बहूत से काम है।
Anil Kumar said…
दिल में जगह अपने-आप बनती है, किसी जादू की तरह। इसमें न तो आप कुछ कर सकते हैं, न ही वो। इसलिये समझदारी इसी में है कि अपना काम करें और प्रगतिशील हों। जब आप शिखर पर होंगे, तब दुनिया आपके कदमों में अपने-आप आ लोटेगी।
Pooja Prasad said…
खैर हर किसी के चाहने से यदि खुदा मिलने लगता तो खुदा की औकात की क्या रह जाती।

mujhe to ye line bahut damdaar lagi.
kai ssari cheeze kah di. 1 sath.
kai aspects of life khol daale.

pooja prasad

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