जयपुर दिल्ली राजमार्ग एक पास एक छोटे से गाँव की बात हैं यह। पूरी सच्ची और भरोसे लायक। गाँव मे एक स्कूल हैं जो की अपने आप मे अनोखी हैं। इस पाठशाला मे ना रजिस्टर हैं और ना आने जाने कि कोई पाबंदी। इस गाँव का नाम हैं जयसिन्ह्पुरा। इस पाठशाला में ६५ से ८० साल के बीच के दादा दादी पढ़ने आते हैं। यह तो हुई एक बात। लेकिन अभी कुछ दिन पहले ही खबर आई हैं कि इस गाँव के १५ लोग हवाई जहाज़ का लुत्फ उठाएंगे। आप सोच रहे होंगे कि इस मे खास क्या हैं। तो भाई खास यह हैं कि इसमे से कई लोग कभी भी ट्रेन में पांव नही रखा हैं। लेकिन अब वो लोग हवाई जहाज़ का मज़ा लेंगे। हैं ना खबर मे दम।
गुजरात में अगले महीने चुनाव है और इसी के साथ भगवा नेकर पहनकर कई सारे लोग बेनामी नाम से ब्लॉग की दुनिया में हंगामा बरपा रहे हैं. एक ऐसे ही बेनामी से मेरा भी पाला पड़ गया. मैं पूरा प्रयास करता हूँ कि जहाँ तक हो इन डरपोक और कायर लोगों से बचा जाए. सुनील ने मोदी और करण थापर को लेकर एक पोस्ट डाल दी और मैं उस पर अपनी राय, बस फिर क्या था. कूद पड़े एक साहेब भगवा नेकर पहन कर बेनामी नाम से. भाई साहब में इतना सा साहस नहीं कि अपने नाम से कुछ लिख सकें. और मुझे ही एक टुच्चे टाईप पत्रकार कह दिया. मन में था कि जवाब नहीं देना है लेकिन साथियों ने कहा कि ऐसे लोगों का जवाब देना जरूरी है. वरना ये लोग फिर बेनामी नाम से उल्टा सुलटा कहेंगे. सबसे पहले बेनामी वाले भाई साहब कि राय.... अपने चैनल के नंगेपन की बात नहीं करेंगे? गाँव के एक लड़के के अन्दर अमेरिकन वैज्ञानिक की आत्मा की कहानी....भूल गए?....चार साल की एक बच्ची के अन्दर कल्पना चावला की आत्मा...भूल गए?...उमा खुराना...भूल गए?....भूत-प्रेत की कहानियाँ...भूल गए?... सीएनएन आपका चैनल है!....आशीष का नाम नहीं सुना भाई हमने कभी...टीवी १८ के बोर्ड में हैं आप?...कौन सा...
Comments
apne is khabar me bas ek chij sahi kar le to achha rahega..
apne LUTF ko LUFT likha hai..jo ki koi word nahi hota..
mujhe nahi pata..apki news ko itne logo ne padha aur comment diye par kisi ne apki galati ko point out nahi kiya..