
कल मैं शहर के मैग्नेट शॉपिंग मॉल में गया तो वहां एक बड़ा अजीब नजारा देखने को मिला जिसने मेरी उस सोच को बदल दिया कि मॉल केवल अमीरों के लिए ही है। कल जब मैं इस मॉल में कुछ खरीददारी कर रहा था तो मुझे एक बंदा मिला जिसने एक मैली सी शर्ट और पैंट पहना हुआ था। पांव में हवाई चप्पल। यह देखकर मेरे दिमाग में बस यही आ रहा था कि यह इंसान यहां क्या लेने आया है। इसका जवाब मुझे उस वक्त मिला जब भुगतान के समय वह लाइन में लगा। उसने एक कपड़े धोने की साबुन और नारियल तेल की सबसे छोटी शीशी खरीदी। बिल करीब 18 रुपए के आसपास था। मैं भी जल्दी से भुगतान कर के उसे साथ ही बाहर निकला तो देखते हुए यह महाशय आटो रिक्शा चलाते हैं। किसी तरह हिम्मत करके मैने उनसे पूछ ही लिया कि आप मॉल में क्या केवल यह लेने के लिए आए थे तो जवाब हां मैं ही मिला।
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मेरे शहर में जब पहला मॉल खुला तो मैं अपने दोस्त के साथ तीन महीने बाद पहली बार गया, खरीदना कुछ नही था सिर्फ़ देखने गया था।