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ये है मुम्बई.....यह है मुम्बई

ये है मुम्बई.....यह है मुम्बई
थोड़ा सा पाना है, थोड़ा सा खोना है
फिर भी मुस्कुराते हुए यहीं जीना है
अजीब सी उलझन है
ज़िंदगी में
फिर भी निभाना हैं
कभी आर तो कभी पार
फिर भी हर पल तेरे संग निभाना है
भागते भागते हांफना है
फिर भी थक के थोड़ा और जाना है
रुकना रुकना..रुकना नहीं
थकना थकना यहाँ नहीं
रंग बिरंगे शहर में चलते जाना हैं

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मुंबई पर प्यार अच्छा है....
अपने बोल हल्ला पर इस ब्लाग का लिंक तो दे दें.....

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