मैं सबसे पहले यह बता दूं की मैं सलमान खान का प्रशंसक नहीं हूँ। लेकिन इसके बाद मैं बस यही कहना चाहूँगा कि मैं जिस फिल्ड में हूँ, उसी ने सलमान को एक विलेन कि तरह पेश किया हैं। हालांकि मैं भी मीडिया में हूँ तो एक बात जरूर कहूँगा कि सलमान को जो सज़ा मिल रही हैं उसके लिए उनका एक सफल अभिनेता होना ज़िम्मेदार हैं। कुछ लोग कहते हैं कि सलमान के मन में किसी के प्रति ना तो इज़्ज़त है और ना ही वे परवाह करते हैं कि कौन क्या सोच रहा है। हाँ सलमान इस दुनिया की और इसी दुनिया की बातो की परवाह नही करते हैं? क्या यह गलत करते हैं? मुझे नही लगता हैं। आख़िर वो इस दुनिया कि परवाह क्यों करें। उन्हें जिनकी परवाह करनी चाहिऐ उनकी परवाह वो करते हैं। सलमान अपने भाई- बहनों से उन्हें असीम प्यार करते हैं। इसके अलावा अपने दोस्तो की भी वे परवाह करते हैं। हम प्रेस वाले बड़ी जल्दी ही अपनी औकात भूल जाते हैं और माइक या कलम हाथ में आते ही मान अपने आपको तोप मानने लगते हैं. इसे में यदि सामने वाला हमारे सवालों का जवाब नही देता हैं तो हम प्रेस वाले उसे खलनायक, बदतमीज़ और ना जाने कैसे कैसे शब्दो से नवाज़ाने लगते हैं. हम भूल जाते हैं अपनी ज़िमेदारी. बस मैं तो इतना ही कहना चाहूँगा की दूसरो पर अंगुली उठाने से पहले हमें अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए. पिछले दिनों सलमान जयपुर में विकलांग बच्चों के एक स्कूल में आए थे.. अब पाठक निर्णय ले की सलमान वाकई में बदतमीज़ हैं?
गुजरात में अगले महीने चुनाव है और इसी के साथ भगवा नेकर पहनकर कई सारे लोग बेनामी नाम से ब्लॉग की दुनिया में हंगामा बरपा रहे हैं. एक ऐसे ही बेनामी से मेरा भी पाला पड़ गया. मैं पूरा प्रयास करता हूँ कि जहाँ तक हो इन डरपोक और कायर लोगों से बचा जाए. सुनील ने मोदी और करण थापर को लेकर एक पोस्ट डाल दी और मैं उस पर अपनी राय, बस फिर क्या था. कूद पड़े एक साहेब भगवा नेकर पहन कर बेनामी नाम से. भाई साहब में इतना सा साहस नहीं कि अपने नाम से कुछ लिख सकें. और मुझे ही एक टुच्चे टाईप पत्रकार कह दिया. मन में था कि जवाब नहीं देना है लेकिन साथियों ने कहा कि ऐसे लोगों का जवाब देना जरूरी है. वरना ये लोग फिर बेनामी नाम से उल्टा सुलटा कहेंगे. सबसे पहले बेनामी वाले भाई साहब कि राय.... अपने चैनल के नंगेपन की बात नहीं करेंगे? गाँव के एक लड़के के अन्दर अमेरिकन वैज्ञानिक की आत्मा की कहानी....भूल गए?....चार साल की एक बच्ची के अन्दर कल्पना चावला की आत्मा...भूल गए?...उमा खुराना...भूल गए?....भूत-प्रेत की कहानियाँ...भूल गए?... सीएनएन आपका चैनल है!....आशीष का नाम नहीं सुना भाई हमने कभी...टीवी १८ के बोर्ड में हैं आप?...कौन सा...
Comments
Galatiyan kisi se ho sakti hain
---बिल्कुल सत्य वचन. वरना तो कितने ही इन्सानों का खून करके खुलेआम घूम रहे हैं.