यह पोस्ट मैं एक खास उद्देश्य से लिख रहा हूँ। जहाँ तक मेरी जानकारी है इस तरह की पोस्ट पहले कभी नहीं लिखी गई होगी। कह सकते हैं कि यह एक सकारात्मक पोस्ट हैं। और शायद मेरे इस प्रयास से मेरे उन कई साथियों को नौकरी मिल सकती है जो दिल्ली में नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं। चलिए मैं अपनी बात शुरू करता हूं मेरे कई दोस्त जो इस समय दिल्ली और भोपाल में हैं, उन्हें मीडिया में नौकरी की तलाश है। मेरे इन दोस्तों ने माखन लाल पत्रकारिता विश्वविधालय से पत्रकारिता में दो साल की मास्टर डिग्री ली हैं। ये सभी नौजवान हैं और मीडिया के माध्यम से कुछ करना चाहते हैं, इसमें से कई हालांकि किसी न किसी प्रैस या चैनल से जुड़े हुए हैं। यदि आपके संस्थान में इन्हें एक मौका मिले तो ये पत्रकारिता जगत को काफी कुछ नयापन दे सकते हैं और शायद आज इस तरह के ही पत्रकारों की जरूरत हैं जो आइडिया से भरे हुए हों। यदि अपके संस्थान को अच्छे लोगों की जरूरत हैं तो आप मुझे ९८६७५-७५१७६ या ashish.maharishi@gmail.com पर मेल भी कर सकता हैं.
गुजरात में अगले महीने चुनाव है और इसी के साथ भगवा नेकर पहनकर कई सारे लोग बेनामी नाम से ब्लॉग की दुनिया में हंगामा बरपा रहे हैं. एक ऐसे ही बेनामी से मेरा भी पाला पड़ गया. मैं पूरा प्रयास करता हूँ कि जहाँ तक हो इन डरपोक और कायर लोगों से बचा जाए. सुनील ने मोदी और करण थापर को लेकर एक पोस्ट डाल दी और मैं उस पर अपनी राय, बस फिर क्या था. कूद पड़े एक साहेब भगवा नेकर पहन कर बेनामी नाम से. भाई साहब में इतना सा साहस नहीं कि अपने नाम से कुछ लिख सकें. और मुझे ही एक टुच्चे टाईप पत्रकार कह दिया. मन में था कि जवाब नहीं देना है लेकिन साथियों ने कहा कि ऐसे लोगों का जवाब देना जरूरी है. वरना ये लोग फिर बेनामी नाम से उल्टा सुलटा कहेंगे. सबसे पहले बेनामी वाले भाई साहब कि राय.... अपने चैनल के नंगेपन की बात नहीं करेंगे? गाँव के एक लड़के के अन्दर अमेरिकन वैज्ञानिक की आत्मा की कहानी....भूल गए?....चार साल की एक बच्ची के अन्दर कल्पना चावला की आत्मा...भूल गए?...उमा खुराना...भूल गए?....भूत-प्रेत की कहानियाँ...भूल गए?... सीएनएन आपका चैनल है!....आशीष का नाम नहीं सुना भाई हमने कभी...टीवी १८ के बोर्ड में हैं आप?...कौन सा...
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आशा है आप अन्यथा नहीं लेंगे.