अभी अभी भडास से ख़बर मिली की पंजाब केसरी राजस्थान से अपना संस्करण लांच करने वाला है। हालांकि राजस्थान से होने के नाते मैं भडास की इस न्यूज़ को अपने ब्लॉग पर डालने की गुस्ताखी कर रहा हूँ..उम्मीद है की यशवंत जी मुझे मेरी इस गुस्ताखी के लिए माफ़ कर देंगे. हाँ अब ख़बर पर ... पंजाब केसरी के राजस्थान संस्करण के लिए ईशमधु तलवार को एडीटर बनाया गया है और ब्यूरो चीफ होंगे सत्यपारीक। अगले महीने से लांच होने वाले अखबार के लिए टीम जुटाने का अभियान जारी है। यदि कोई पंजाब केसरी से जुड़ना चाहता है तो बताये..
मुंबई यानि मायानगरी। मुंबई का नाम लेते ही हमारे जेहन में एक उस शहर की तस्वीर सामने आती हैं जहां हर रोज लाखों लोग अपने सपनों के संग आते हैं और फिर जी जान से जुट जाते हैं उन सपनों को साकार करने के लिए। मुंबई जानी जाती है कि हमेशा एक जागते हुए शहर में। वो शहर जो कभी नहीं सोता है, मुंबई सिर्फ जगमगाता ही है। लेकिन मुंबई में ही एक और भी दुनिया है जो कि हमें नहीं दिखती है। जी हां मैं बात कर रहा हूं बोरिवली के आसपास के जंगलों में रहने वाले उन आदिवासियों की जो कि पिछले दिनों राष्ट्रीय खबर में छाए रहे अपनी गरीबी और तंगहाली को लेकर। आप सोच रहे होंगे कि कंक्रीट के जंगलों में असली जंगल और आदिवासी। दिमाग पर अधिक जोर लगाने का प्रयास करना बेकार है। मुंबई के बोरिवली जहां राजीव गांधी के नाम पर एक राष्ट्रीय पार्क है। इस पार्क में कुछ आदिवासियों के गांव हैं, जो कि सैकड़ो सालों से इन जंगलों में हैं। आज पर्याप्त कमाई नहीं हो पाने के कारण इनके बच्चे कुपोषित हैं, महिलाओं की स्थिति भी कोई खास नहीं है। पार्क में आने वाले जो अपना झूठा खाना फेंक देते हैं, बच्चे उन्हें खा कर गुजारा कर लेते हैं। आदिवासी आदम
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suchna k kiye dhanyawaad... halaki,filhal meri panjab kesari se jurne ki iksha to n hai, lekin agar aap packedge sambandhi suchna bhi juta den to shayad kuch bhayi logo ka kalyan ho jaye.