कल बांद्रा में दो खास कारणों से भीड़ थी. एक बांद्रा के प्रसिद्ध चर्च माउन्ट मेरी में कई दिनों से चल रहे फिस्ट का अन्तिम दिन था और दूसरी वजह सलमान खान के घर पर गणपति का विसर्जन होना था. सुबह से सलमान के घर के बाहर लगभग सभी मीडिया चैनल की ओबी वेंन खड़ी हुई थी. कैमरे को बस सलमान और उनके गणपति का इन्तजार था. सलमान जैसे ही अपनी माँ हेलन और गणपति के साथ गेलेक्सी अपार्टमेंट से बाहर निकले तो एक और उनके चाहने वाले सलमान सलमान चिल्ला रहे थे तो दूसरी और प्रेस वाले सलमान को कैमरे में कैद करने में लगे हुये थे॥ आप भी देखिये सलमान को गणपति विसर्जन के दॉरान
मुंबई यानि मायानगरी। मुंबई का नाम लेते ही हमारे जेहन में एक उस शहर की तस्वीर सामने आती हैं जहां हर रोज लाखों लोग अपने सपनों के संग आते हैं और फिर जी जान से जुट जाते हैं उन सपनों को साकार करने के लिए। मुंबई जानी जाती है कि हमेशा एक जागते हुए शहर में। वो शहर जो कभी नहीं सोता है, मुंबई सिर्फ जगमगाता ही है। लेकिन मुंबई में ही एक और भी दुनिया है जो कि हमें नहीं दिखती है। जी हां मैं बात कर रहा हूं बोरिवली के आसपास के जंगलों में रहने वाले उन आदिवासियों की जो कि पिछले दिनों राष्ट्रीय खबर में छाए रहे अपनी गरीबी और तंगहाली को लेकर। आप सोच रहे होंगे कि कंक्रीट के जंगलों में असली जंगल और आदिवासी। दिमाग पर अधिक जोर लगाने का प्रयास करना बेकार है। मुंबई के बोरिवली जहां राजीव गांधी के नाम पर एक राष्ट्रीय पार्क है। इस पार्क में कुछ आदिवासियों के गांव हैं, जो कि सैकड़ो सालों से इन जंगलों में हैं। आज पर्याप्त कमाई नहीं हो पाने के कारण इनके बच्चे कुपोषित हैं, महिलाओं की स्थिति भी कोई खास नहीं है। पार्क में आने वाले जो अपना झूठा खाना फेंक देते हैं, बच्चे उन्हें खा कर गुजारा कर लेते हैं। आदिवासी आदम
Comments
फोटो मेँ जो चश्मा लगाये मुस्कुराती महिला है वो
मशहूर डान्सर 'हेलेन " है ...
पहले कई बार माओन्ट मेरी के मेले मेँ,
हम गये थे जिसे मराठी या क्रिस्चीयन पँथ के लोग
"मोत मावली " भी कहा करते थे --
अब तो बस, यादेँ रह गयीँ हैँ
-- लावण्या