अभी अभी भडास से ख़बर मिली की पंजाब केसरी राजस्थान से अपना संस्करण लांच करने वाला है। हालांकि राजस्थान से होने के नाते मैं भडास की इस न्यूज़ को अपने ब्लॉग पर डालने की गुस्ताखी कर रहा हूँ..उम्मीद है की यशवंत जी मुझे मेरी इस गुस्ताखी के लिए माफ़ कर देंगे. हाँ अब ख़बर पर ... पंजाब केसरी के राजस्थान संस्करण के लिए ईशमधु तलवार को एडीटर बनाया गया है और ब्यूरो चीफ होंगे सत्यपारीक। अगले महीने से लांच होने वाले अखबार के लिए टीम जुटाने का अभियान जारी है। यदि कोई पंजाब केसरी से जुड़ना चाहता है तो बताये..
समझ में नहीं आ रहा कि शुरुआत क्हां से और कैसे करुं। लेकिन शुरुआत तो करनी होगी। मुंबई में दो साल हो गए हैं और अब इस शहर को छोड़कर जाना पड़ रहा है। यह मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है कि मैं जहां भी रहता हूं उसके मोह में बंध जाता हूं। बनारस से राजस्थान आते भी ऐसा ही कुछ महसूस हुआ था। फिर जयपुर से भोपाल जाते हुए दिल को तकलीफ हुई थी। इसके बाद भोपाल से मुंबई आते हुए भोपाल और दोस्तों को छोड़ते हुए डर लग रहा था। और आज मुंबई छोड़ते हुए अच्छा नहीं लग रहा है। मैं बार बार लिखता रहा हूं कि मुंबई मेरा दूसरा प्यार है। और किसी भी प्यार को छोडते हुए विरह की अग्नि में जलना बड़ा कष्टदायक होता है। इस शहर ने मुझे बहुत कुछ दिया। इस शहर से मुझे एक अस्तिव मिला। कुछ वक्त उसके साथ गुजारने का मौका मिला, जिसके साथ मैने सोचा भी नहीं था। मुंबई पर कई लेख लिखते वक्त इस शहरों को पूरी तरह मैने जिया है। लेकिन अब छोड़कर जाना पड़ रहा है। बचपन से लेकर अब तक कई शहरों में जिंदगी बसर करने का मौका मिला। लेकिन बनारस और मुंबई ही दो ऐसे शहर हैं जो मेरे मिजाज से मेल खाते हैं। बाकी शहरों में थोड़ी सी बोरियत होती है लेकिन यहां ऐसा
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suchna k kiye dhanyawaad... halaki,filhal meri panjab kesari se jurne ki iksha to n hai, lekin agar aap packedge sambandhi suchna bhi juta den to shayad kuch bhayi logo ka kalyan ho jaye.