
खैर हिंदुस्तान की अधिकतर फिल्मों की शुरुआत प्यार से शुरु होती है और प्यार पर ही खत्म हो जाती है। जाहिर है ऐसे में फिल्मों के शहर मुंबई का प्यार तो खास होगा ही। मुंबई में प्रेमी अपने प्यार के इजहार के लिए किसी खास दिन का इंतजार नहीं करते हैं लेकिन फिर भी 14 फरवरी या वैलेंटाइन डे का दिन मुंबईकर, खासतौर पर यहां के युवाओं के लिए खास मायने रखता है। इस दिन पूरे मुंबई पर एक ही रंग होता है और वो रंग होता है इश्क का। मुंबई के हाइवे से लेकर समुंद्र तट तक, चारों और सिर्फ और सिर्फ इश्क का रंग होता है। मुंबईकर इश्क के मायने में देश के अन्य शहरों की तुलना में थोड़े अधिक उन्मुक्त होते हैं।
अब आप ही बताएं कि मुंबई के इस रंग में कैसे रंगा जाए। चिंता हो रही है कि पीवीआर की ये दो टिकटें कहीं बेकार न चली जाएं।
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वैसे मैं भी मुम्बई में ही हूं और इन बेचारी टिकटों को बचाने के लिये अपनी प्रेमिका के साथ जा सकता हूं.
क्या ख्याल है?