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पीवीआर की दो टिकट और मैं

वाकई मुंबई की बात निराली है। आज सुबह ऑफिस में हिंदुस्‍तान लीवर की ओर से एक कॉफी का एक फ्री स्‍टॉल लगा था जिसमें कोई भी अपनी मनपसंद कॉफी की चुस्‍की ले सकता था। मैने भी ली और जीत लिया एक ईनाम। ईनाम है पीवीआर में 14 फरवरी को स्‍पेशल फिल्‍म के लिए दो टिकट। अब सोच रहा हूं कि इन टिकटों का क्‍या करूं। 14 फरवरी को गुरुवार है और ऑफिस में न्‍यूज के साथ भी समय बिताना है। समझ में नहीं आ रहा है कि क्‍या किया जाए। मुझे पता है कि कईयों के लिए यह टिकट खास मायने रखता होगा लेकिन मैं क्‍या करुं इन टिकटों का। जो कपल्‍स बनने लायक है वो थो फिलहाल जयपुर में है।

खैर हिंदुस्‍तान की अधिकतर फिल्‍मों की शुरुआत प्‍यार से शुरु होती है और प्‍यार पर ही खत्‍म हो जाती है। जाहिर है ऐसे में फिल्‍मों के शहर मुंबई का प्‍यार तो खास होगा ही। मुंबई में प्रेमी अपने प्‍यार के इजहार के लिए किसी खास दिन का इंतजार नहीं करते हैं लेकिन फिर भी 14 फरवरी या वैलेंटाइन डे का दिन मुंबईकर, खासतौर पर यहां के युवाओं के लिए खास मायने रखता है। इस दिन पूरे मुंबई पर एक ही रंग होता है और वो रंग होता है इश्‍क का। मुंबई के हाइवे से लेकर समुंद्र तट तक, चारों और सिर्फ और सिर्फ इश्‍क का रंग होता है। मुंबईकर इश्‍क के मायने में देश के अन्‍य शहरों की तुलना में थोड़े अधिक उन्‍मुक्‍त होते हैं।

अब आप ही बताएं कि मुंबई के इस रंग में कैसे रंगा जाए। चिंता हो रही है कि पीवीआर की ये दो टिकटें कहीं बेकार न चली जाएं।

Comments

पोस्‍ट लिख ही दी तो इंतजार करो, किसी लड़की का कॉल आता ही होगा साथ चलने के लिए।
bhaiya tickets ka agar upyog nahi samajh aa raha ho to kisi couple ko de dena. kam se kam wo hi film ke maze le lein. vaise 14 feb ko bhagwa partiyon se bhi to bachna hoga..jinka iman aur sanskritik chinta usi din jagti hai.
PD said…
ढूंढिये.. शायद कोई मिल जाये.. आखिर Cupid Month जो चल रहा है.. :)
अपने किसी एसे दोस्त को दे दो जो अपनी प्रेमिका के साथ जा सके.
वैसे मैं भी मुम्बई में ही हूं और इन बेचारी टिकटों को बचाने के लिये अपनी प्रेमिका के साथ जा सकता हूं.
क्या ख्याल है?
अपन भी भाई शायद आफिस में ही बिताएं 14 फरवरी
Unknown said…
very nice......apko abhi sey 14th feb ka intzaar hai..yeh baat jhalak gayi..janab
आशीष, सुनिए सब की लेकिन करिए मन की। अभी बारह नहीं बजे हैं....अभी 14तारीख तो बहुत दूर है। वैसे भी हम लोग पीछे कितना सुन रहे थे....पल में हवाएं पूरब से पश्चिम होती हैं....ओ.सिकंदर वाले गाने में। सो, आप को बहुत बहुत शुभकामनाएं।
mamta said…
आशीष जी बेस्ट ऑफ़ लक । :)

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