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कभी जीते थे एक-दूसरे की बाहों में


कभी जीते थे एक-दूसरे की बाहों में
आज हो गए बेगाने

कल तक जिनकी नजरों में हम थे
आज और कोई है
कल तक जिनकी नजर हमें खोजती थीं
आज किसी और को

फिर भी मैं खुश हैं
क्योंकि उनकी नजर कोई तो है
उनसे कोई गिला नहीं, कोई शिकवा नहीं

मैंने ही तो कहा था, भूल जाओ मुझे
हम नहीं बने हैं एक दूजे के लिए

और जब आज उनका दिल धड़कता है किसी और के लिए
तो फिर मुझे क्यों दर्द होता है
क्या मैं आज भी तुमसे प्यार करता हूं?
हां करता हूं, बिल्कुल करता हूं
जब तक दिल धड़केगा, बस तुम्हारे लिए ही धड़केगा
हो सके तो मुझे कर माफ
फिर से मुझे बसा लो अपनी निगाहों में

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